डेसीमीट्रिक रेडियो उत्सर्जन (तरंगदैर्य सेंटीमीटर में मापा गया), १९५९ में पहली बार फ्रैंक ड्रेक और हेन ह्वातुम द्वारा अवलोकित की गई |[29]इस संकेत की उत्पत्ति बृहस्पति भूमध्य रेखा के आसपास की एक टॉरस आकार की पट्टी से हुई थी | यह संकेत, बृहस्पति के चुंबकीय क्षेत्र में त्वरित इलेक्ट्रॉनों से साइक्लोट्रॉन विकिरण के कारण होता है |[39]
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डेसीमीट्रिक रेडियो उत्सर्जन (तरंगदैर्य सेंटीमीटर में मापा गया), १९५९ में पहली बार फ्रैंक ड्रेक और हेन ह्वातुम द्वारा अवलोकित की गई |[29] इस संकेत की उत्पत्ति बृहस्पति भूमध्य रेखा के आसपास की एक टॉरस आकार की पट्टी से हुई थी | यह संकेत, बृहस्पति के चुंबकीय क्षेत्र में त्वरित इलेक्ट्रॉनों से साइक्लोट्रॉन विकिरण के कारण होता है |[39]